प्रतिमाह 49 रूपये मिल रहा पेंशन, जीवन निर्वाह करना हुआ मुश्किल

प्रतिमाह 49 रूपये मिल रहा पेंशन, जीवन निर्वाह करना हुआ मुश्किल

0 कोल इंडिया के पूर्व कर्मियों ने किया प्रदर्शन



कोरबा। 
केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों को वेतन वृद्धि व महंगाई भत्ता देकर राहत दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर कोल इंडिया के अनेक पेंशनर्स को लंबे समय से प्रतिमाह केवल 49 रूपए पेंशन की राशि प्राप्त हो रही है। पेंशनर्स संघ ने मामले को लेकर कोल इंडिया की सभी इकाईयों में प्रदर्शन किया। उन्होंने इस विषय को दिल्ली तक ले जाने की बात कही है।
कोल इंडिया पेंशनर्स एसोसियेशन ने क्षेत्रीय मुख्यालय में कोल इंडिया मैनेजमेंट और भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा है। एसोसियेशन ने सभी तरह की विसंगतियों को लेकर नाराजगी जताने के साथ सरकार तक बात पहुंचायी। काफी संख्या में पूर्व अधिकारी और कर्मचारी प्रदर्शन का हिस्सा बने। उनकी शिकायत इस बात को लेकर है कि वर्षों के बाद भी पेंशन के मामलों को लेकर स्पष्ट नीति नहीं बनायी जा सकी और ना ही इस बारे में विचार किया गया। हैरत इस बात यह है कि कोयला कंपनी में वर्षों तक काम कर चुके अनेक कर्मचारियों को वर्तमान में केवल 49 रूपए की राशि दी जा रही है। जबकि 50 रूपए से कम में कोरबा की ही कई होटलों में चाय तक नहीं मिलती। ऐसे में कर्मियों को मिलने वाला पेंशन जले पर नमक छिड़कने जैसा है। प्रदर्शन में संरक्षक बलदेव सिंह सहित विभिन्न इकाईयों के अध्यक्ष और पदाधिकारी व सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज कराई। कोल इंडिया पेंशनर्स एसोसियेशन का कहना है कि उनकी मांगे व्यवहारिक होने के साथ जायज है। इसलिए इस बारे में कोल इंडिया प्रबंधन के साथ-साथ भारत सरकार को नीतिगत रूप से काम करना चाहिए। एसोसियेशन ने तय किया है कि स्थानीय स्तर से बात नहीं बनी तो दिल्ली पहुंचकर आवाज बुलंद की जाएगी।
21 साल में नहीं किया पुनरीक्षण
पेंशनर एसोसियेशन ने इस बात पर आपत्ति जतायी है कि सरकार के नियमानुसार हर तीन वर्ष में पेंशन राशि के मामले को देखना है और हल हाल में इसका स्लैब परिवर्तित करने के साथ पुनरीक्षण भी करना है। आश्चर्य यह है कि 21 साल की समयावधि में अब तक पेंशन का पुनरीक्षण नहीं किया गया।
दो लाख कर्मियों को नुकसान
कोल इंडिया में पेंशन नीति को लेकर जो कुछ गड़बड़ी बनी हुई है। उसके कारण डेढ़ से दो लाख कर्मचारियों को काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे कर्मचारियों का वर्तमान में मिल रही पेंशनराशि से जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो गया है। 14-15 साल से विसंगतियों के बारे में एसोसियेशन ने आवाज उठाई और अब इसे 21 साल से ज्यादा का समय हो गया है।



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